बच्चों के परीक्षा के परिणाम के आधार पर शिक्षकों के विशेष प्रशिक्षण मैनुअल बनाने और फिर इसके अनुसार शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डाएट) को दी गई है. राज्य सरकार ने कक्षा एक से आठ तक के शिक्षा में बेहतरी लाने के लिए यह निर्णय लिया है.
अब नियमित रूप से कक्षा एक से आठवीं तक मासिक, अर्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षा होगी. इसके लिए कार्यक्रम भी तैयार कर लिया गया है. जिलों को भेजे गए संदेश में यह स्पस्ट कहा गया है कि, प्रारंभिक शिक्षा में बेहतरी की जिम्मेदारी डाएट की है. वे परीक्षा परिणाम का विश्लेषण करेंगे और देखेंगे की बच्चो में ज्ञान का क्या स्तर है.
डाएट शिक्षकों को ऐसे प्रशिक्षित करेंगे कि वो आसानी से बच्चों की कमियां को दूर कर सकेंगे. डाएट को हीं शिक्षकों के सहायता के लिए स्वध्य्याय सामग्रियों का विकास करना होगा. राज्य के प्रारंभिक विध्यालयों में करीब चार लाख शिक्षक हैं।
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