परिहार प्रखण्ड की बेबसी
सन1952 से लेकर अब तक जितने भी विधायक, एम पी बने किसी ने भी जनप्रतिनिधियों ने परिहार के विकास पर ध्यान नही दिया । प्रखण्ड परिहार बिहार का सबसे गरीब और अति पिछड़ा प्रखण्ड है । परिहार प्रखण्ड 1952 में जहाँ था आज भी वही खड़ा नजर आ रहा है परिहार का कोई खास विकास नहीं हुआ ।
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परिहार मेन चौक जहाँ पर रूकती है , पैसेंजर (यात्री) उतरते हैं उस जगह पर या आस - पास यात्रिओं के लिए आज तक शौचालय, पेशाब खाना नहीं बना । परिहार के विकास के लिए आज तक कोई रोड मैप नहीं बनाया गया। नेपाल के नदिओं से आने वाली पानी को नियंत्रित करने का कोई ठोस पहल नहीं किया गया ।
परिहार प्रखण्ड में खेती करने के लिए कोई उत्तम सिंचाई व्यवस्था नहीं किया गया परिहार प्रखण्ड से हर साल 90% मजदूर अन्य प्रदेशों में रोजी-रोटी के लिए पलायन कर जाते हैं आज भी इस प्रखण्ड में जर्जर सड़क और सड़क पर जल जमाव की स्थिति बनी हुई है । परिहार प्रखंड के जनता के सुख - सुविधाओं पर आज तक कोई ध्यान नहीं दिया गया । परिहार प्रखंड 27 पंचायत का प्रखंड है और यह प्रखंड करीब 20 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। परिहार प्रखंड में बेहतर शिक्षा के लिए अबतक कोई उत्तम व्यवस्था नहीं किया गया सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं खोला जा सका परिहार हेडक्वार्टर ( मुख्यालय ) में सिर्फ एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है जिससे परिहार के अगल - बगल के कुछ गाँव के लोग आकर अपना ईलाज और दवा लेते हैं यहाँ जितने भी उपस्वास्थ्य केंद्र अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र हैं वह सारे के सारे बंद रहते हैं कहीं कोई डॉक्टर नजर नहीं आता दूर - दराज के गरीब बीमार पड़ते हैं तो उन्हें झोला छाप डॉक्टर का सहारा लेना पड़ता है।
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परिहार प्रखंड में करोड़ों की लागत से बना सड़क एक वर्ष में ही टुट जाता है।परिहार प्रखंड में सैकड़ो एकड़ कृषि विभाग की जमीन यूँही बेकार पड़ी हुइ है और लोग कब्जा कर चुके हैं । परिहार प्रखण्ड में दो थाना है जबकि तीन थाना की जरूरत है। नरगाँव में थाना बनाने के लिए लोगों ने सरकार से बार - बार मांग किया मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई ।मैं बिहार सरकार से अनुरोध करता हूँ की प्रखण्ड परिहार के विकास के लिए ठोस रोड मैप तैयार करवाया जाए और उस पर काम हो साथ ही परिहार को अनुमण्डल बनाया जाए।
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परिहार मेन चौक जहाँ पर रूकती है , पैसेंजर (यात्री) उतरते हैं उस जगह पर या आस - पास यात्रिओं के लिए आज तक शौचालय, पेशाब खाना नहीं बना । परिहार के विकास के लिए आज तक कोई रोड मैप नहीं बनाया गया। नेपाल के नदिओं से आने वाली पानी को नियंत्रित करने का कोई ठोस पहल नहीं किया गया ।
परिहार प्रखण्ड में खेती करने के लिए कोई उत्तम सिंचाई व्यवस्था नहीं किया गया परिहार प्रखण्ड से हर साल 90% मजदूर अन्य प्रदेशों में रोजी-रोटी के लिए पलायन कर जाते हैं आज भी इस प्रखण्ड में जर्जर सड़क और सड़क पर जल जमाव की स्थिति बनी हुई है । परिहार प्रखंड के जनता के सुख - सुविधाओं पर आज तक कोई ध्यान नहीं दिया गया । परिहार प्रखंड 27 पंचायत का प्रखंड है और यह प्रखंड करीब 20 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। परिहार प्रखंड में बेहतर शिक्षा के लिए अबतक कोई उत्तम व्यवस्था नहीं किया गया सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं खोला जा सका परिहार हेडक्वार्टर ( मुख्यालय ) में सिर्फ एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है जिससे परिहार के अगल - बगल के कुछ गाँव के लोग आकर अपना ईलाज और दवा लेते हैं यहाँ जितने भी उपस्वास्थ्य केंद्र अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र हैं वह सारे के सारे बंद रहते हैं कहीं कोई डॉक्टर नजर नहीं आता दूर - दराज के गरीब बीमार पड़ते हैं तो उन्हें झोला छाप डॉक्टर का सहारा लेना पड़ता है।
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परिहार प्रखंड में करोड़ों की लागत से बना सड़क एक वर्ष में ही टुट जाता है।परिहार प्रखंड में सैकड़ो एकड़ कृषि विभाग की जमीन यूँही बेकार पड़ी हुइ है और लोग कब्जा कर चुके हैं । परिहार प्रखण्ड में दो थाना है जबकि तीन थाना की जरूरत है। नरगाँव में थाना बनाने के लिए लोगों ने सरकार से बार - बार मांग किया मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई ।मैं बिहार सरकार से अनुरोध करता हूँ की प्रखण्ड परिहार के विकास के लिए ठोस रोड मैप तैयार करवाया जाए और उस पर काम हो साथ ही परिहार को अनुमण्डल बनाया जाए।