मंगलवार, 11 दिसंबर 2018

विशेष रिपोर्ट :- पाँच राज्यो के विधान सभा चुनाव के नतीजो की समीक्षा करते हुए माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं बी जे पी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से नागेन्द्र कुमार पासवान ने किया माँग


विशेष रिपोर्ट :- पाँच राज्यो के विधान सभा चुनाव के नतीजो की समीक्षा करते हुए माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं बी जे पी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से नागेन्द्र कुमार पासवान ने किया माँग
नागेन्द्र कुमार पासवान
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 साक्षरता अभियान कार्यक्रम के तहत 15 +आयु वर्ग के असाक्षरों को साक्षर कर विकास की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु   देश स्तर पर संचालित अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना"साक्षर भारत मिशन अभियान का मानव सन्साधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर जी की जनविरोधी शिक्षा नीति एवम्   केंद्र सरकार  की इच्छा शक्ति की कमी  के कारण 31 मार्च 18 के बाद कार्यावधि विस्तार रोक दिए जाने के फलस्वरूप देश स्तर पर 6.5 कर्मी बेरोजगार भुखमरी के शिकार,घर - घर में शिक्षा का दीप जलाने वाला साक्षरता कर्मी उपेक्षित ,उपहास का पात्र, जिल्लत और जलालत की जिंदगी जीने को विवश है।
          महोदय, साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम के तहत ग्राम,पंचायत,प्रखण्ड/ताल्लुका/हल्का एवम् जिला स्तर पर कर्मियो का सुसंगठित अनुशासित प्रबन्धकीय ढांचा है जो अत्यंत प्रभावकारी रहा है।
       विभागीय कार्यो के अतिरिक्त समय समय पर सामाजिक कल्याण के अन्य गतिविधियों में सक्रिय एवम् सराहनीय भूमिका निभाया है।
  शिक्षा का अधिकार अधिनियम,स्वच्छता अभियान, मतदाता जागरूकता अभियान,मद्य निषेध अभियान,बाल विवाह एवम् दहेज़ प्रथा उन्मूलन अभियान को सफल बनाया तथा बिहार को राष्टीय  प्रसास्ति पत्र दिलवाने व् बिहार का नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में नामित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया है।
    महोदय ,यद्यपि रोटी कपड़ा और मकान के बाद शिक्षा और स्वास्थ्य आम जन की मौलिक आवश्यकता बन गई है। शिक्षा को मौलिक अधिकार का दर्जा भी दिया गया है ।शिक्षा समवर्ती सूची में होने के कारण सबको शिक्षा एवम् मुफ़्त शिक्षा उपलब्ध कराना केन्फ्र व् राज्य सरकार की संयुक्त नैतिक एवम् संवैधानिक दायित्व है।
    महोदय,शिक्षा वक्ष की कुंजी है और साक्षरता इसकी पहली सीढ़ी। शिक्षा के बिना स्वच्छ्ता स्वास्थ्य  सामाजिक सद्भभाव समरसता व् सम्यक विकास की परिकल्पना सर्वथा बेईमानी होगी।
     महोदय,बिहार सहित अन्य  राज्यो में संविदा कर्मी की सेवा स्थायी करने हेतु गठित  कमिटी को भी निदेशक जन शिक्षा बिहार ने अनुसंशा के लिए कर्मियो की सूचि नहीं भेजा है।
     महोदय,देश स्तर पर साक्षरता कर्मियो का आन्दोलान पराकाष्ठा पर है।
    लोक सभा राज्य सभा में भी इस संबंध में माननीय सदस्यों द्वारा विभागीय मंत्री के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया जता रहा है।किन्तु अभी तक प्रयास बेनतीजा ही रहा है।
   महोदय 5 राज्यो का चुनाव 2019 के आम चुनाव के लिए आईना है।
   महोदय,जब तक नयी योजना "पढ़ना लिखना अभियान "लागू करने में कतिपय बिलम्ब या तकनीकी परेशानी है ,तब तक के लिए पुराने शर्तों पर ही भुत लक्ष्य प्रभाव से आम लोक सभा चुनाव तक के लिए "साक्षर भारत मिशन योजना को ही कार्यावधि विस्तार देते हुए सभी नियोजित कर्मी की सेवा जीवन्त कर दिया जाय।
    ताकि आम लोक सभा चुनाव में कर्मियो का असन्तोष  व् गुस्सा पर विजयी पाया जा  सके।
  पुनः नई योजना में इन कर्मी को समायोजित कर दिये जाय।
    नागेन्द्र कुमार पासवान , मुख्य कार्यक्रम समन्वयक साक्षर भारत सीतामढ़ी
महामंत्री भारतीय मजदूर संघ सीतामढ़ी
संयोजक
अखिल भारतीय साक्षर भारत मिशन कर्मी महासंघ
9473088097/8340662900

बुधवार, 18 अप्रैल 2018

बगैर विलंब सरकारी शिक्षकों को मई से हर महीने मिलेगा वेतन, ये है नया नियम*

बगैर विलंब सरकारी शिक्षकों को मई से हर महीने मिलेगा वेतन, ये है नया नियम


बिहार में अब सभी स्‍तर के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन भुगतान पटना से किया जायेगा। इस वजह से मई से बगैर विलंब हर महीने उन्‍हें वेतन मिलेगा।...

पटना [राज्य ब्यूरो]। प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में अध्यापन कार्य में लगे सभी कोटि के शिक्षकों के वेतन का भुगतान अब जिलों से नहीं, बल्कि मुख्यालय पटना से होगा। इतना ही नहीं शिक्षकों को वेतन के लिए चार महीने या छह महीने तक इंतजार भी नहीं करना होगा। प्रत्येक महीने एक तय मियाद के अंदर वेतन की राशि शिक्षकों के बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाएगी। यह व्यवस्था आगामी मई से प्रभावी हो जाएगी।

वित्त विभाग के एक फैसले के बाद शिक्षा विभाग ने सभी कोटि के शिक्षकों के वेतन का भुगतान काम्प्रहेंसिव फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (सीएफएमएस) के जरिए करने का फैसला किया है। निदेशक प्रशासन सुशील कुमार ने विभाग के फैसले से जिलों के अधिकारियों को अवगत कराने के लिए एक पत्र जारी किया है। पत्र निदेशक उच्च शिक्षा से लेकर सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक और जिला शिक्षा पदाधिकारी तक को भेजा गया है।

अधिकारियों से कहा गया है कि वे नौ अप्रैल 2018 के पूर्व के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों से समन्वय कर अपने अधीनस्थ चलने वाले विद्यालयों के शिक्षकों एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के अफसरों एवं कर्मियों का संबंधित आंकड़ा पूरे विवरण के साथ इकट्ठा कर लें।

जिलों से लेकर प्रखंड तक से प्राप्त शिक्षक, कर्मचारी-पदाधिकारी का विवरण काम्प्रहेंसिव फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ दिया जाएगा। यह काम अप्रैल के अंत तक पूरा किया जाना है। शिक्षक, कर्मचारियों और पदाधिकारियों का विवरण सीएफएमएस में दर्ज होने के बाद इनका वेतन नियमित रूप से मुख्यालय स्तर से ही उनके बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाएगा। सीएफएमएस के प्रभावी होने के बाद जिलों को राशि भेजने की दरकार नहीं होगी।

मंगलवार, 23 जनवरी 2018

سیتامڑھی راجندر بھون چلیں

سیتامڑھی راجندر بھون چلیں ۔۔۔۔!
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مورخہ 24 جنوری 2018 بروز بدھ بوقت 10 بجے ضلع کے "راجندر بھون " میں محکمہ راج بھاشا ضلع اردو زبان سیل، کلکٹریٹ سیتامڑھی کی جانب سے اردو کے فروغ، ترقی و ترویج  کے موضوع پر " سمینار اور مشاعرہ " کا انعقاد کیا جا رہا ہے جس میں آپ مدارس کے اساتذہ، اسکول کے معلمین اور ضلع کے تمام اردو داں حضرات سے اپیل کی جاتی ہے کہ زیادہ سے زیادہ تعداد میں شریک ہوں ۔

मंगलवार, 16 जनवरी 2018

عادات، اخلاق اور طرز عمل ۔۔۔ خون اور نسل دونوں کی پہچان کرا دیتے ھیں



*ایک بادشاہ کے دربار میں*

ایک اجنبی،نوکری کی طلب لئےحاضر ھوا،
قابلیت پوچھی گئ، کہا ،سیاسی ہوں ۔۔
(عربی میں سیاسی،افہام و تفہیم سے مسئلہ حل کرنے والے معاملہ فہم کو کہتے ھیں)
بادشاہ کے پاس سیاست دانوں کی بھر مار تھی،
اسے خاص " گھوڑوں کے اصطبل کا انچارج " بنا لیا
جو حال ہی میں فوت ھو چکا تھا.
چند دن بعد ،بادشاہ نے اس سے اپنے سب سے مہنگے اور عزیز گھوڑے کے متعلق دریافت کیا،
اس نے کہا "نسلی نہیں ھے"
بادشاہ کو تعجب ھوا، اس نے جنگل سے سائیس کو بلاکر دریافت کیا،،،،
اس نے بتایا، گھوڑا نسلی ھے لیکن اس کی پیدائش پر اس کی ماں مرگئ تھی، یہ ایک گائے کا دودھ پی کر اس کے ساتھ پلا ھے.
مسئول کو بلایا گیا،
تم کو کیسے پتا چلا، اصیل نہیں ھے؟؟؟
اس نے کہا، 


جب یہ گھاس کھاتا ھےتو گائیوں کی طرح سر نیچے کر کے
جبکہ نسلی گھوڑا گھاس منہ میں لےکر سر اٹھا لیتا ھے.
بادشاہ اس کی فراست سے بہت متاثر ھوا،
مسئول کے گھر اناج،گھی،بھنے دنبے،اور پرندوں کا اعلی گوشت بطور انعام بھجوایا.
اس کے ساتھ ساتھ اسے ملکہ کے محل میں تعینات کر دیا،
چند دنوں بعد، بادشاہ نے مصاحب سے بیگم کے بارے رائے مانگی،
اس نے کہا.
طور و اطوار تو ملکہ جیسے ھیں لیکن "شہزادی نہیں ھے،"
بادشاہ کے پیروں تلے سے زمین نکل گئی ، حواس بحال کئے، ساس کو بلا بیجھا،
معاملہ اس کے گوش گذار کیا. اس نے کہا ، حقیقت یہ ھے تمہارے باپ نے، میرے خاوند سے ھماری بیٹی کی پیدائش پر ھی رشتہ مانگ لیا تھا، لیکن ھماری بیٹی 6 ماہ ہی میں فوت ھو گئ تھی، 

چنانچہ ھم نے تمہاری بادشاہت سے قریبی تعلقات قائم کرنے کے لئے کسی کی بچی کو اپنی بیٹی بنالیا.
بادشاہ نے مصاحب سے دریافت کیا، "تم کو کیسے علم ھوا،"
اس نے کہا، اس کا "خادموں کے ساتھ سلوک" جاہلوں سے بدتر ھے،
بادشاہ اس کی فراست سے خاصا متاثر ھوا، "بہت سا اناج، بھیڑ بکریاں" بطور انعام دیں.
ساتھ ہی اسے اپنے دربار میں متعین کر دیا.
کچھ وقت گزرا،
"مصاحب کو بلایا،"
"اپنے بارے دریافت کیا،" مصاحب نے کہا، جان کی امان،
بادشاہ نے وعدہ کیا، اس نے کہا:
"نہ تو تم بادشاہ زادے ھو نہ تمہارا چلن بادشاہوں والا ھے"
بادشاہ کو تاؤ آیا، مگر جان کی امان دے چکا تھا،
سیدھا والدہ کے محل پہنچا، "والدہ نے کہا یہ سچ ھے"
تم ایک چرواہے کے بیٹے ھو،ہماری اولاد نہیں تھی تو تمہیں لے کر پالا ۔
بادشاہ نے مصاحب کو بلایا پوچھا، بتا،
"تجھے کیسے علم ھوا" ؟؟؟
اس نے کہا،
"بادشاہ" جب کسی کو "انعام و اکرام" دیا کرتے ھیں تو "ہیرے موتی، جواہرات" کی شکل میں دیتے ھیں،،،،
لیکن آپ "بھیڑ ، بکریاں، کھانے پینے کی چیزیں" عنایت کرتے ھیں
"یہ اسلوب بادشاہ زادے کا نہیں "
کسی چرواہے کے بیٹے کا ہی ھو سکتا ھے.
عادتیں نسلوں کا پتہ دیتی ہیں ۔۔۔

*عادات، اخلاق اور طرز عمل ۔۔۔ خون اور نسل دونوں کی پہچان کرا دیتے ھیں.*

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