गुरुवार, 15 सितंबर 2016

अगले महीने नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त होगी लागू।

परिहार  (सीतामढी )।खगड़िया, औरंगाबाद, छपरा, नवादा, बेगूसराय, भागलपुर के डीपीओ शिक्षकों को नहीं दे रहे वेतन वृद्धि का लाभ, उनपर होगी ।           राज्य सरकार करीब साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त पर अगले महीने फैसला ले लगी. शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. एक सितंबर को  इस संबंध में शिक्षक संघ से बातचीत के बाद इसे अमली जामा पहनाया जायेगा. इधर, राज्य के नियोजित शिक्षकों के लिए सरकार की ओर से राशि जारी होने के सात दिन के अंदर अगर जिलों से शिक्षकों के खाते में राशि नहीं जाती है तो संबंधित जिला कार्यक्रम पदाधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी. वेतन रोकने से लेकर उन्हें निलंबित तक किया जायेगा. यह निर्देश बुधवार को शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने दे दिये हैं. उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से राशि जारी होने के बाद भी जिलों में पड़ी रहती है।
                 जिला कार्यक्रम पदाधिकारी उसे शिक्षकों के खाते में ट्रांसफर नहीं करते हैं. इसलिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिया गया है कि डीपीओ के खाते में राशि जाने के सात दिन के अंदर वे शिक्षकों के खाते में अगर राशि ट्रांसफर नहीं करते हैं तो उन्हें निलंबित तक कर दिया जाये. उन्होंने कहा कि अगले तीन दिनों के अंदर माध्यमिक शिक्षकों के वेतन को लेकर डीपीओ का जो बैंक एकाउंट लॉक हैं उसे खोल दिया जायेगा. इसके लिए वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी से सात दिनों के अंदर राज्य के हाइ व प्लस टू स्कूलों के करीब 35 हजार नियोजित शिक्षक और 15 हजार मदरसा शिक्षकों को बकाया वेतन मिल सकेगा।
          नियोजित शिक्षकों के ससमय वेतन मामले के स्थायी समाधान के लिए भी तैयारी की जा रही है।शिक्षा मंत्री ने कहा कि कई जिलों के डीपीओ के खिलाफ शिकायत मिली है कि वे नियोजित शिक्षकों के वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दे रहे हैं. खगड़िया, औरंगाबाद, छपरा, नवादा, बेगूसराय, भागलपुर डीपीओ के खिलाफ ऐसी ही शिकायत मिली है. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इन्हें कई बार रिमाइंडर भी दिया, लेकिन कुछ नहीं हुआ. इस पर मंत्री ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा।
राज्य के हाइ स्कूलों में 2006-10 के बीच बहाल वैसे अप्रशिक्षित शिक्षक जिन्होंने अब तक ट्रेनिंग नहीं की है, उन्हें प्रशिक्षित किया जायेगाअभी भी करीब 10 हजार शिक्षकअप्रशिक्षित हैं।
                राज्य में छह बीएड कॉलेज हैं, जिसमें बहुत कम ही शिक्षकों को नामांकन हो सका है. इसलिए विभाग ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को प्र्सताव बनाने का निर्देश दिया है ताकि सभी शिक्षकों की एक साथ  ट्रेनिंग हो जाये. बीएड कॉलेजों में एसटीइटी पास अप्रशिक्षित शिक्षक भी एडमिशन ले रहे थे, लेकिन विभाग ने वरीयता के आधार पर एडमिशन लेने का निर्देश भी दिया है।
          ट्रेनिंग के लिए सवैतनिक अवकाश की सुविधा अप्रैल 2016 से शुरू हुई और जिन शिक्षकों को 2015-17 के लिए एडमिशन लिया है उन्हें लाभ दिया जायेगा या नहीं. इस पर मंत्री अप्रैल 2016 से इसका लाभ देने का निर्देश दिया है।
राज्य के नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त के लिए राज्य सरकार शिक्षक संघों से भी सुझाव लेगी और इसके बाद इसे लागू करने की दिशा में सरकार आगे बढेगी।
       शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने एक सितंबर को हाइ व प्लस टू स्कूलों के नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त के लिए वैसे शिक्षक संघ जो पूर्व में मुख्य सचिव के साथ वार्ता में शामिल थे उनसे सुझाव लेने को कहा है।
इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक को नोडल पदाधिकारी  बनाया गया है। प्रारंभिक स्कूलों के नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त में सुझाव देने के लिए तारीख का निर्धारण किया जायेगा।

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